शेर ओ सुखन भाग 2 | Sher O Sukhan Bhag 2

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ही श् पन् १०--प्रस्वुत २, ३, ४ भागोमें वर्णित शाइरोंमे--साकिब, हसरत, फ़ानी,असगर, जिगर और सीमाबका परिचय संक्षेपमे शेरो-शाइरीसे दिया जा चुका था । फिर भी ऐतिहासिक क्रमको बनाये रखनेके लिए इनका उल्लेख इन तीन भागोमे भी किया गया है । इनके वगैर इतिहास लंगड़ा-दूला रहता । अतः हमने इनका परिचय भौर कलाम शोरो- शाइरीसे सर्वथा भिन्न और नवीन देनेका प्रयत्न किया है । ११--शाइरोंका कलाम उनकी जिन कृतियोसे चुना गया है, उनका नाम कलामसे पूर्व या वादमे दे दिया गया है । कृतियोके अतिरिक्त उनका ताजे-से-ताज़ा कलाम भी देनेका प्रयास किया गया है, भौर वह जिन पत्र-पत्रिकाओसे संकलन किया गया है, उनका भी यथास्थान उल्लेख किया गया है । जिन शाइरोके दीवान मुद्रित नहीं हुए, अथवा हमे प्राप्त न हो सके, उनका कलाम हमने जिन तजकिरो और पत्रोके अम्बारो से खोजा है; उनके नाम भी कलाकके साथ दे दिये है । उन सबकी तालिका पृथकसे नही दी गई हैं । ”' १२-अक्सर हर शाइरके कलामके अन्तमे हमने तारीख दी है, ताकि लेखनकाछका पता लग सके । कई जगह बहुत नजदीकी तारीखें अंकित है । उतने वकक्‍फेमे वह मजमून लिखा ही नहीं जा सकता । इसकी वजह यही है कि कई-कई मजमून यथावश्यक और सुविधानुसार लिख लिये. गये; परन्तु किसी वजहसे पूर्ण न हो सके और जब पूर्ण हुए तो लगातार होते चले गये और तभी मजमून-समाप्तिकी तारीख डाल दी गई । शाइरोका कलाम पढा कभी. गया, उद्धृत कभी किया. गया और परिचय आदि सुविधानुसार कभी लिखा गया । कुछ स्थल सुविधातुसार आगे-पीछे लिखे गये है और उन्हे बादमें क्रमबद्ध कर दिया गया है। ये २, दे, ४, ५ भाग १९४९ ई०मे लिखने शुरू किये गये थे और दिन- रातके लगातार परिश्रमके बाद १९५४ ई०मे पूर्ण हो सके हूं । तर १, द्वितीय संस्करणके संदोघन, परिवत्तंत एवं परिवद्ध॑न्में १ €४५७ का पुरा वष व्यतीत हुश्रा हैं ।




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