हठयोग संहिता | Hathyog Sanhita
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
114
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्रीभारतधम्ममहामण्डलके
सभ्यगण ओर मुखपत्रिका:।
श्रीभारतधर्ममहामएडल प्रधार कार्य्यालय काशीसे एक हिन्दो
भाषाका ओर दखरा अंग्रेजी भाषाका, इस प्रकार दो मासिक
प्रकाशित होते हैँ एवं भ्रीमहामणडलके अ्न्यान्य भापाश्रोके झुखपत्न
श्रीमहामणडलके प्राग्तीय कार्य्यालयोसे प्रकाशित हाते है, यथा।-
फिगोजपुर ( पश्चाव ) के कार्य्यालयसे उदूँ भाषाका मुखपत्र और
मेरठ और कानपुरके कार्य्यालयोसे हिन्दी भाषाके मुखपत्र |
श्रीमहामएडलके पांच भ्रेणोंके सभ्य होते है, यथाः-खांधीन नर-
पति और प्रधान प्रधान धर्म्माचाय्येगण संरत्तक होते है । भारत-
बर्षके सब प्रान्तोके बड़े वड़े ज़मींदार, सेठ, साहुकार आदि सामाजिक
नेतागण उस डस प्रान्तके चुनावके द्वारा प्रतिनिधि सभ्य चुने जाते
हैं। प्रत्येक प्रान्तके श्रध्यापक ब्राह्मणगणमेंसे उस उस प्रान्तीय
मण्डलके द्वारा चुने जाकर ध व्यवस्थापक सभ्य बनाये जाते हैं।
भारतवर्ष के सब प्रान्तोंसे पांच प्रकारके सहायक सभ्य लिये जाते
हैं, विद्यासम्बन्धी कार्य करनेवाले सहायक सभ्य, धर्मकार्य्य
करनेवाले सहायक सभ्य, महामएंडल प्रान्तीय मएडल ओर शाखा
सभाओको धनदान करनेवाले सहायक सभ्य, विद्यादान करनेवाले
विद्वान ब्राह्मण सहायक सभ्य ओर धम्मप्रचार करनंवाले साधु
संन्न्यासी सहायक सभ्य | पाँचव्वीं श्रेणीके सभ्य साधारण सम्व
होते हैँ जो हिन्दुमाच हो सकते हैँ । हिन्दु कुलकामिनीगशा
केवल प्रथम तोन श्रेणीकी सहायक सभ्या और साधारण सम्या
हो सकती हैं। इन सब प्रकारके सभ्यां श्र श्रीमहामगडलके
प्रान्तीय मगडल, शाखा सभा ओर संयुक्त समाओको श्रीमहामए्डल-
का हिस्दी अथवा अंग्रेजी सापाका मासिकपत्र बिना सूल्य दिया
जाता है। नियमितरुपसे नियत वार्पिक चन्दा २) दो रुपये देने
पर हिन्दर तर नारी साधारण सभ्य हो सकने हैँ। साधारण
सभ्याकों विना म्ृद्य मासिकपत्रिकाके श्रतिरिक्त उनके उत्तराधि
कारियाकों समाजद्दितकारी कोपके द्वारा विशेष लाभ मिलता है ।
प्रधानाध्यक्ष, श्रीसारतधम्मंमहामणडल, प्रधानकांर्य्याल्षय,
जगतू्गंज, बनारस |
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