मनोविज्ञान और शिक्षा | Manovigyan Aur Shiksha

Manovigyan Aur Shiksha by डॉ. सरयू प्रसाद चौबे - Dr. Saryu Prasad Choubey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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न (४) ड्वर का वर्गोकरण २२२-२२३ ( १) श्रज्ञात--२२९ ( २ ) शात- रेरेरे । शरनुकररण की उपयोगिता २२३-२२४ | स्पर्धा २२५-२२६ स्वरूप २२५ --श्रौर शिक्षा २२५-२९६ --से सामूहिक प्रवृत्ति का विकास २२६ श्रात्म-स्पर्धा २२६ । इ-खेल २९२६-२४५ स्वरूप २२६-२२८ --झ्ौर कार्य २२८-२२€--के सिद्धान्त र२९-२३४। (१) प्रवृद्ध दाक्ति का सिद्धान्त २२९-२३० (२) पुनर्माप्ति का सिद्धान्त २३० (३) पुर्वाभिनय का सिद्धान्त २३०-२३२ (४) पुनरावृत्ति का सिद्धान्त २३२- २३३ ( ५ ) रेचक सिद्धान्त २३३-२३४ उपसहार २३४ | खेल के प्रकार २३४ ( १ ) विभिन्न श्रवयवों के सचालन से खेल २३४ (२) वस्तुझ्नो से खेल २३५-२३६ (भर) ध्वसात्मक २३५ (व) रचनात्मक २३६ (३) अ्रनुकरणात्मक २३६ श्राविष्काराट्मक २३७ सामूहिक खेल २३७ । कांग्रेस का वर्गीकरण २३८-२३६ । खेल श्रौर दिक्षा २३६-२४५ । दिक्षा में खेल प्रणाली २३९-२४४५ किण्डरगार्टेन २४०-२४२ मॉन्तेसरी प्रणाली २४२-२४३ प्रॉजेक्ट प्रणाली २४३ डाल्टन प्लान र४३-२४४ हा रिस्टिक पद्धति २४४ बालचर पद्धति २४४-२४५ नाथ्य-प्रशाली श्रौर रसानुश्रुति पाठ २४४ । प्र-श्राचतंन प्रवृत्ति २४५-२४७ आवतंन प्रवृत्ति और शिक्षा २४७ ॥ ६-झ्रादत २४७-२५९ -श्ौर मुलप्रवृत्ति २४७-२४८ भ्रादत की नींव २४८-र४६ । आ्रादत की विलक्षतरणयें २४९६-२५० (१) एक रूपता २४६-२५० (२) सुगमता २४० ( दे ) रोचकता २५० (४) ध्यान-स्वातन्ब्य २५० आदत का मानव जीवन में महत्व २५०-२५१ । श्रादत डालने के नियम २५२-२४५३ ( १ ) सकल्प की हढता २५९२ (२) कायें- शीलता र५२ ( ३.) सलग्नता २५२ ( ४ ) श्रम्यास २५३ झादत के प्रकार २५३ जटिल श्रादतें क्यो पड़ती है ? २५३-२५४ कुछ बुरी झादतो का निराकरण रशद-र५८ ( १ ) चोरी करना २५४-२४५५ ( २ ) चिढना २५४५ झूठ बोलना रश५-२५६ भय से भूठ २५६ झात्म प्रकादान के झ्वदमन से भूठ २५७ श्रनजान में भूठ २५७ भूठ की उपयोगिता २४५८ धघुम्रपान २४५८-२५ । कि श्रापने ऊपर दया पढ़ा ? २४५९-२६६ । सहायक पुस्तकें २६९ । अध्याय ९ संबेग २७०-रप२ संवेग का कुछ शारीरिक क्रियाश्मों से सम्बन्ध २७०-२७१ । जेम्स-लेज्ध का संवेग का सिद्धान्त २७१-२७२ --श्रमात्मक २७२ दोरीज्टन के - परीक्षण २७२३




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