रंगमंच और नाटक की भूमिका | Rangamanch Aur Natak Ki Bhumika

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Rangamanch Aur Natak Ki Bhumika by लक्ष्मीनारायण लाल -Laxminarayan Lal

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about लक्ष्मीनारायण लाल -Laxminarayan Lal

Add Infomation AboutLaxminarayan Lal

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
“रप्मच प्रस्तायना & स्वाटन पा सकते हैं, न उस युग की कला रुचि हा समझ सकते है और ने अपने युग विशप का रगमच निर्मित कर सक्त हू । नाटक जस अति दाक्तियाली तथा जीवात बाय कता माध्यम को वेवव हम साटिय पर एक सामाय प्रकार छव विधा के ही स्वर स देखते रह जायेंगे । नाटक मे नाटक की आत्मा की अनुधथूलि और उसके प्रत्यल हटाने के जिये उमर रगमच का सम्पूए सत्य भाव चातिय ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now