पंच पुरुष | Panch Purush
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1015 KB
कुल पष्ठ :
86
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पथ पुरुष
माटी
चाकुल
चावा
माटी
बाकुल
माटी
वोरसिह
बाबा
चीरप्िह
चाकुल
वीरपिह
थ5
हू | अपने पक्ष स हू 1
[माटी बाती है]
अरे सूना बाबू 1 वल से यहा रामलीला होगी 1 ठाकुर राजा।
ख़द रामलीला कराएगे। गजाधर पडित के पूत उत्तमा को
राम चुना गया है। बाकूत बाबू आप लब्छिमन बनेगे ।
राम के लिए उत्तमा चुना गया है, और मैं लक्ष्मण ? राम
क्षत्रिय थे ।
भरे यह तो लीला है बाकुल ।
ठकुरानी खुद सीता बनेंगी। और रावण बनेंगे खुद राजा
ठाकुर
अच्छा ? फिर तो रामलीला जमेगी खूब
मथुरा, काशी, अयोध्या से समाजी आय गए हैं।
[बीरतसिह आता है।]
अरे तुम लोग यहा क्यो वेठे हो। सारे गाव के लोग सजबज
रहे हैं। आप सब को दरबार मे बुलाया गया है + कल सुबह
से ही मन्दिरम भगवान प्रतिष्ठा का आयोजन शुरू होगा।
सारी प्रजा को इनाम इकराम बटेगा। रामलीला शुरू हो रही
है। बाकुलसिंह आप लक्ष्मण वनेंगे। ठकुरानी खुद सीना के
रूप मे लीला मे भाग लेंगी। राजा ठाकूर रावण बनेंगे। बाबा
रामबोला, तुम्हें भी कोई पार्ट करना होगा।
बयो नही, जो मालिक की भाज्ञा होगी खुशी से कछूगा।
आखिर भगवान की लीला है। लीला म आप वय बर्नेंस ?
लीला का मैनेजर मैं ही वनाया गया हू
पर गजाधर के लडके उत्तमा को राम क्यों बनाथा गया?
इसके लिए कोई क्षत्री युवक चाहिए था।
उत्तमा से मिलकर राजा ठावुर बहुत प्रसन््त हैँ। ठाकुर न
उसतप साथ घास्तार्थ दिया। उत्तमा को हिंन्दी, सस्कृत और
अग्रेजी तीनो का ज्ञान है। रामायण, राम सीता, रावण,
लक्ष्मण सबब बारे म बडी मम को बातें वताता रहा । ठाकुर
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