प्रारम्भिक रचनानुवाद कौमुदी | Prarambhik Rachna Anuvad Kaumudi

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Prarambhik Rachna Anuvad Kaumudi by कपिलदेव द्विवेदी - Kapildev Dwivedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रमा शब्द, लडः लकार, द्वितीया विभक्ति. * १५ अभ्यास ७ १. उदाहरण-वायय-- १, उसने पुस्तक पढ़ी--स पुस्तक॑ अपठतू । २. तू गाँव गया-त्व॑ ग्रामं अगच्छः: । ३. मैंने भोजन खाया--अहँ भोजन अखादम। १४, दुर्जन: पुस्तक आचोरयत्‌ ॥। ५. सः अचिन्तयत्‌ । ६. अहं अकथयम्‌ । ७. कन्या मारां अरचयत्‌ । ८. प्रजा नृपं अनमत्‌ । ९. भार्या चुधां अपिवतू । १०. वसुधायां गंगा यमुना च सत:। ११. स आगच्छत्‌ । २. सस्कृत बनाओ--(क) १. वह गाँव गया । २. वह यहाँ आया । ३. वह हँसा । ४. वह बोला । ५. उसने विद्या पढ़ी। ६. उसने भोजन खाया । ७. उसने घन चुराया। ८. उसने साला बनायी। ९. उसने पत्र लिखा। १०. उसने कन्या की रक्षा की । (ख) ११. तूने पुस्तक पढ़ी । १२. तूने कन्या देखी । १३ तू धर गया १४. तूने जल पिया । १५. तूने वकरी छुई । (ग) १६. मैं रात्रि में घर गया। १७. मैंने अमृत पिया। १८. मैं शिल्ता पर वैठा। १९. मैंने मोजन खाया। २०. मैंने पुस्तक वनायी । (घ) २१. कन्या रूज्जा करती है। २२. शिष्य क्षमा चाहता है। २३. मालाएँ और जठाएं यहाँ २४. गंगा और यमुना को देखो । २५. वकरी घर जाती है । ३. भशुद्ध चादय शुद्ध वाबय नियम (१) स ग्रामे अगच्छत । स ग्रामम्‌ अगच्छत्‌ । १३ (२) स कन्याया बरक्षत्‌ । स कन्याम्‌ अरक्षत्‌ । ११ (३) अहम्‌ शृहम्‌ अगच्छत । अहं ग्ृहम्‌ अगच्छम्‌ । १ ४. अश्यास--(क) २ (क), (ख), (ग) को वहुवचन में बदलों। (ख) २ (क), (ख), (ग) को लूट और लोट्‌ में वदलो । (ग) इन शब्दों के पूरे रूप लिखो-रमा, बालिका, रूता, विद्या, अजा, माला, गज्ा । (घ) इन घातुओं के लड्ट के रूप लिखो-भू, पठ्‌, गम्‌, लिख, वद्‌, दश्‌, सवा, पा, प्रा, चुर्‌, कथ्‌, भक्ष्‌। ५. वाद्य दनाओ--अपठत्‌, अलिखिमू, ऐच्छत्‌, अपदयत्‌, अतिप्टम, अपिवम्‌, अजिप्रतू, अचोरयत्‌, अभक्षयत्‌ । ६. रिक्त स्थान भरो - (लह्ट रककार) १. स पत्रम्‌ (लिख ) सफलम्‌ (प्‌ )। ३. बह थोजनम्‌ (सक्ष)। ४. त्वं कन्याम्‌ (दुशू )। ५. बह पुष्पम्‌ (छा )। ह




User Reviews

  • trilok jain

    at 2021-02-23 05:23:15
    Rated : 8 out of 10 stars.
    Pustak download nahi ho rahi hai
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