राजनीती से दूर | Raajniti Se Door
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.32 MB
कुल पष्ठ :
184
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पंडित जवाहरलाल नेहरू -Pt. Javaharlal Neharu
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)घ राजनीति से दूर थे में थोड़े दिन और खाली में ठहरा रहा किन्तु एक अस्पष्ट अद्यान्ति ने मेरें दिमाग को जकड रखा था । आदमी की दाठता से अछूतें सुनसान और अज्ञेय उन सफ़ेद पहाड़ों को देखते-देखते मुभे फिर से शान्ति महसूस हुईं। आदमी चाहे कुछ भी क्यों न करे वे पहाड तो वहां रहेंगे ही । अगर बतंमान जाति आत्म-हृत्या कर ले या और किसी धीमी प्रक्रिया से गायब हो जाय तो भी वसन्त आकर इन पहाड़ी प्रदेशों का आलिंगन करेगा ही चीड-वृक्षों के पत्तों में लडखडाती हुई हवा भी बहा ही करेंगी और पक्षियों का संगीत भी चलता ही रहेगा। परन्तु उस समय तो अच्छी या बुरी कोई भी छुटकारे की राह न थी । आगे हो तो हो । कुछ हृद तक सक्रियता में ही छुटकारा था । चाहे जेसी भी हो खाली दिमाग को राहत नहीं दे सकती थी और न दिल में विस्मृति भर देने की दवा ही दे सकती थी सो वहां पहुंचने के ठीक सोलह दिन बाद मेंने खाली से विदाई ली । विचार में खोकर मेंने उत्तर की सफ़ेद चोटियों को आखिरी बार बड़ी देर तक एकटक निहारा और उनके पावन रेखा-चित्र को अपने दिल पर अंकित कर लिया । अप्रैल १९३८
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