कबीर पदावली | Kabir Padawali

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Kabir Padawali by डॉ रामकुमार वर्मा - Dr. Ramkumar Varma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(. रे. ) चारि गवन साव भंग सोई | जे८ मास बरसाइपं दोई | ' घ्ादि इस पद शोर टिप्पणी के ध्घार पर कबीर का जन्म जे० की *नरसाइल ( असावस्थो ) को हुआ । अब यद्द देखना है कि जेठ की 'अमापवरध्था को 4 पुतला द्द नया नददीं । यदि घमावशयाा को प्ंद्भू चार पढ़ता दै तब तो कबीर का जन्म संनतू १४१४ ही सनिनां डोसा घोर गए” का अं १४१४ के “व्यतीत दोते हुए' मानना दोगा । ऐसी स्थिति में दोहे का परिवर्ती सार “पूरण्मासी अमर भये” सी शुद्ध भाषा जावेगा क्योकि 'बरलाइत' पूणमासी को नहीं पढ़ती चह झमावस्या को पढ़ती है । मोइचसिंद ने अपनी जुस्तप कबीर इटिंद बायोय्रफी” सें इस किम्मदृती के दोहे का उरणेख किया है । वे हिन्दी में इस्पलिखित पमंथों की खोज (सच १8०१२, इन हे का उरदेजेख, फर ते हुए,सं० १४१५, ९ सन्‌ १३१८ ) को पुष्टि करते हैं 1* वही, ५०८ ८६ सु & मिशिता 900 छा 86. उिधिएघाए 8118. पापिदाा कै&5 8089४ 0660 फृपाजाउ60, ५6 ५00 प81868 276 पृण्ण४8 उप छूुए00 0 ५0 ना 6 पष6ा हिघ9िंए' फाघ5 0077 00 भा 96 ता 60 ड -वीदद सो परचघपन साल गिरा 'पष्दु ध४+क ८६ छुए ॥ जे० छुदी बरसा६५ को पूरन मासी तिथि भष | संव्तू पन्‍्द्रई सी श्र पान सगहूर कियो मन | गन सुदी एकादसी, मिरो पवन में पवन हू] पुफ$ फण्णात फीला अीज 96 फ़ाएधि। 04. पक उत्त 1398 छापे आप त७&५ की 3, 0, 1448, ( सर. 5. 8... ४.




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