प्रवेशिका हिन्दी व्याकरण बोध | Praveshika Vyakaran Bodh
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
97.39 MB
कुल पष्ठ :
215
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पं रामदहिन मिश्र - Pt. Ramdahin Mishra
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मे निचे विफालिियकॉन्फोदसलच-्प्यदर १-2५,
गा!
. ब्यों के श्रागे कार” प्रत्यय जाड़ने से खास उसो झदार
हुं । जैसे--'अकार! 'मकार! इत्यादि...
+र, व्यज्न शोर सन्धि का...
दर व, एि स्वालय एप पार पार्प
अन्तर किसे कहते हैं ? वर्ण मं ला क्या है ? संवर शोर व्यक्षन को पहचाल क्या
है ? सस्वर आर हलू वर्सन कौन कहाते है / वर्ण /4चार में कौन २ विचार हैं ।
ः स्वर [ (४076 ड)) अर हम ग
हिन्दी में 'सूलस्वर” अ, इ, उ, ऋ चार हैं और 'दीघंस्वरः
झा, ई, ऊ, ए, ऐ, थो, झरो ये सात हैं । इन सात दीघ स्वर में दी
मातायें मिली हुई हैं, इससे इन्हें 'संयुक्त-स्वर' श्र
प्सन्ध्यक्षर' भी कहते हैं। जैसे-अन शान झा, अझनदन्प
:'' इत्यादि । झा, ई, ऊ इनमें समान सर और ए, ऐ., झो, श में
' विभिन्न खर हैं। ऋ, लत, ल॒॒इन तीनों स्वरों का दिन्दी में
.. बाय: व्यवहार नहीं होता |... .
“कार के बोलने में जितना समय लगता हे उसे ही
मात्राः कहते हैं । मात्रा का झ्थ परिमाण (झन्दाजा) है।
जिसे स्वर के उच्चारण में एक मात्रा होवे उसे 'हस्वः वा
अ, इ,ड; ऋ। .. ...
जिस स्वर के उच्चारण में पक मात्रा का दूना काल लगे ढखे.
माजिक' या दीघे कहते हैं । जैसे, शा, इ, ऊ, ऋ, एप, पे,
झ््ड
स्वर के उच्चारण में हस्व के उच्चारण से ति
त्रिक” वा.
ब्यवद्दार बहुत कम होता
अदा
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