जीवन युद्ध | Jivan Yuddha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.6 MB
कुल पष्ठ :
116
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १९.
इसे सपने कार्यो से प्रमसणित भो कर दिशा । नेपोछिनय के जोवन से
इमें साइस भौर रटिन प्रश्श्रिम ने सरेश् उवलेत -द्दरग प्रिलते हैं ।
बाटरख है . युद्ध के पद्िके भट्ट रद घंटे न च्खते खाया था थर न
वि्ाम ही डिया था। चमे रपडे मिट्टी और पानी से रुप पउ हों
गए थे, परंतु घह धर चट घोर टंढ की कुछ मी चित! व कर झपने
काम में दराध्र सटा रद । इच्ी नेपोध्यिच के कारण योरोप को धड़ी+
बढ़ी घ्रर्तियों धरथराती थीं ! इसी तरदद एड पराहन हुए रंसलापति से
सिकंदर से. कद्दा-मुमये यद न इ गा, यद बिज्ञकुल असंभर है ।
दिद्व ण्जिता ने पत्तर दिया--भाग जा, झपना यह थे कछा भुड दर
बंगी,के छिये कद भें: भसंभव नहीं है
“सनुष्प को भपने दूसरे ननेक युर्मा को नाम मैं लाने. लिए साइंस
की नावइयंश््ता होता ई। सःइपद्दीन सुष्य घहुणुग सम्पल होने पर
भो बसी छाई मददालू काय नहीं कर सछ्ठा । साइस बिना बलवान
मनुष्य भी निषंक् से हार लाते हैं । कई मनुष्य एक चगर से अपने पास
को वापस जा रहे थे - मार में तीन-चार डाकु्ओं ने लाठी मे नपर
मॉकमण या भार जो कुछ उनके पाप माल-मत्ा था, खेफद चलते
धने - इचरे -धाद-एक से दुघरे स--जिस$ पास पिस्तोड थी, पूछु --
तुमने ढडाऊुर्भो पर गोली क्यों से घलाई 7? इसने उत्तर दिया कि मैं
उस समय इतना घबडान्सा गया था, कि सुफ़्े चनकी याइ दी
न रही ९८
, व्यवसायी मनुष्य छा मुख्य गुण साइंस है । वघक साइस को -एग-
पर्गे पर परीक्षा दो! है. यदि व साइसी हैं, तो बइ झपने व्यपदसाय
'को पट होत-दोते बचा रेत हैं « हमें कडिनाइ्यों 8 झाशावादा और
इद तथा भपने ध्यग्दर में सत्यवादु भोर निश्वक दोना चाहिए; दें
“अपने सदा रि-चल परे रिखसी होना चादिए।
कमदवीर छाकमत का भपने विरुद्ध भी पाकर नहीं घपड़ाते । मनेक
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