परवाह जैन समाज का इतिहास | Parwar Jain Samaj Ka Itihas
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm, धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17.56 MB
कुल पष्ठ :
622
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about फूलचन्द्र सिध्दान्त शास्त्री -Phoolchandra Sidhdant Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( र४ ) दृष्टिसम्पन्न विद्वादु थे) ने अपना योगदान दिया । यद्यपि स्वनामधन्य स्व ० सेठ माणिकचन्द्रजी पानाचंदजी बंबई निवासी ने दिगम्बर जेन डायरेक्टरी इसके पूर्व प्रकाशित की थी ओर उससे बहुत कुछ परिचय परवार जाति का भी मिलता था परन्तृ विशेष जानकारी के लिए परवार डाइरेक्टरी का निर्माण और प्रकाशन समयोचित था । इसके प्रकाशन के बाद इतिहास के लेखकों का कोई भागे कदम नहीं बढ़ा । यह दि० जेन परवार डाइरेक्टरी श्रीमानु सि० बंशीलाल पन््तालाल जी परवार जेन रईस अमरावती ने बहुत परिश्रम एवं विद्वेषताओं के साथ अपने द्रव्य से प्रकादित कराधी थी । उसमे देवगढ़ मतिशय क्षेत्र से एक शिलालेख का उद्धरण परवार जाति (पौरपाटान्वय) की प्राचीनता के सम्बन्ध में दिया है-- नसंवतु १३९३ शञाके १२५८ वष॑ वेशाख वदी ५ गुरो दिने मूल- नक्षत्रे श्रीमूलसंघे बलात्कारगणे सरस्वतीगच्छे कुन्दकुन्दस्वाम्यन्वये भट्टारक . श्रीप्रभाचन्द्रदेव . तच्छिष्य . वादवादीन्द्र-भट्टारक- श्रीपद्नन्दिदेव . तच्छिष्य ... श्रीदेवेन्द्रकी तिदेवस्तत्पी रपाटान्वये अष्टशाखे आहारदानदानेदवर श्रीसिघई लक्ष्मण तस्य भार्या श्री अक्षयश्री । इस डायरेक्टरी में ६ प्रकार के नकदो (चाटं) दिये गये है जो समाज के सम्बन्ध में विविध प्रकार की जानकारी देते है। २०० पेजों में यह समस्त जानकारी का खजाना है। समस्त भारतवर्ष मे उस समय जिन- जिन प्रान्तों में परवार जाति के आवास थे उन सभी प्रान्तों के अन्तगंत जिलेवार या स्टेट क्रम से ग्रामों का नाम पोस्टआाफिस गृह-संख्या पुरुषों स्त्रियों बच्चों की संख्या दि० जैन मन्दिरों की संख्या धर्मं- शालाओं पाठ्शालाओों की संख्या तथा उस गाँव अथवा नगर के प्रमुख पुरुषों के नाम व्यापारादि का विस्तृत वर्णन दिया गया है । १. सन् १९४० में परवार बन्घु के सम्पादकीय लेख में पट्टावली की चर्चा की और उससे प्रेरणा पाकर स्व० पं० नाधूराम जी प्रेमी ने परवार बंघु के सन् १९४० के अक में एक लेख लिखा । यह लेख इसी प्रन्थ के द्वितीय खण्ड के पृष्ठ १४० से १८३ तक मुद्रित है।
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