नित्यस्मरण - पाठमाला और स्नात्र पूजा | Nityesmaran Pathmala Aur Snatar Pooja
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.88 MB
कुल पष्ठ :
192
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पं. काशीनाथ जैन - Pt. Kashinath Jain
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(श)
की बाइयों ने इतने रुपये देने की असमर्थता प्रकट की तो आपने
तुरन्त उनके दिये हुए समस्त रुपये लोटा दिये व सन्दिर बनवाने व
ग्रतिप्ठादि का खर्च जो ५० हजार के करावि था स्वयं बहन किया 1
ये तीन कीतिनगाथाए तो स्थानीय संटिरों की वतलाई गई ।
शव श्रीजिनक्रपाचंद्रयूरि उपाश्रय का हाल सी सुनिये | सूरिजी के
जानकारी एव कलाप्रेम का परिचय देते हैं, यह समवशरण सी
श्रापके यनोरस कला-प्रियता का परिचायक है |
शिक्षा व साहित्य-प्रकाशन में थी छापका दान विशेष रूप
से उल्लेखनीय है । वैसे तो आपने नित्य-स्मरण-पाठयाला, रंशवोल
समह आदि घन्थों के कई सस्करण छपवाकर '्रमूल्य वितरण किये
ही थे पर हिन्दी भाषा में जन महापुरुषों के सुवोध जीवन-चरित्रों को
भी श्ापने प्रकाशन करना कर जन साहित्य की वर्डी सेवा की | प०
कार्शानाशर जैन ने से यों के प्रकाशन का कार्य अपने हाथ में
लिया था पर कोई भी कार्य द्रच्याभाव के कारण चल नहीं सकता ।
शत ापनें 'झादिनाथ जेन-साहित्त-साला के सचालनार्थ ५ हजार
का दाच दिया | इसीसे वे ०१92० चरित्रों के प्रकाशन में समर्थ
हो सके । राजस्थानी साहित्य-पीठ को सी राजस्थानी साहित्य के
परिचायक पुस्तक प्रकाशन का श्ापनें पूरा सच दिया था | आपने
जिनदत्तसूरि-वदाचर्याधम में रु डू2००) देकर सेटार्नाजी के नाम
से पुस्तकालय स्थापित किया च भाडारकर टन्स्टीच्यूट. पना को 2
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