आदर्श रामायण | Adarsh Ramayan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.7 MB
कुल पष्ठ :
552
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पू्ाद [व]
दोद्दा
घनयादन ये. श्ूपत # यड़े. प्रतापी भूप ।
मान छुपे लोचन लखस # मफरप्चज सम रूप ॥ १० ॥
चौपाई
रद
घनघाहन सम्दर सुख धघामी # लका राज़ करत निश फामी 1
मद्दा राक्षस सुंत तस प्रतापी # तासु राज सिलक दियो थापी ॥
घनधाइन तप वुत वन जाई # मुक्न गये फीनी घतुराइ ।
मद्दा राद्स फर न्याय समारा # प्रजा घत्सल्य भूपत भार ॥
सुर राक्षस हुआ सृत जाफे # दिया राज तप किया अघा के ।
अपन दृप सद्दावत धारे # अधिर जगत् स फिये फिनारे ॥
सुगत गये गति पचम पाई # कारम सिद्ध किया मन लाई ।
सुर रास नीति अश्ुसारा # करे याज्र मन इपे झपारा ॥
दोष्दा
अखस्यात भूपत. हुये # ये. यड़े. धलयान 1
लप सयम मम आदुरो # कीनो मोझ पयान ॥ ११ ॥
पचौपाई
शीतलनाथ इये रुपकारा # द्शघ तिर्थकर खुखकारी ।
तिन शासन थ'ढ़ों सुस्व साजा # कीरत घयल नरेंद्र वियजा ॥
य आउइम्वर दे अति सारी # लकपुरी के चप भ्धिकारी।
घह्ी का समय शति नीफ्ा # पर्वत रजस ख्गर गुम टीका ॥
नगर सुमिधमापुर अधिशपा # जई राज ही सूप स्गेशा ।
ताु नारि घीमती अति प्यारी * थी कंड सुल अति दिसफारी
घिचाघर भूपत अति भारी # युणवन्तो सस सुवा घियारी 1
मारी छस मय 'वातुर नौकों # कुमति कुंविया फो नदी सकी ॥
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