सनातन - धर्म का वैज्ञानिक - रहस्य | Sanatan Dharm Ka Vaigyanik Rahashya

Sanatan Dharm Ka Vaigyanik Rahashya by बाबूलाल गुप्त - Babulal Gupta

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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है सनातनधर्म का विषय तो बहुत ही विस्तृत तथा गम्भीर है। इस पुस्तक में भी बहुत से विषय स्थानाभाव के कारण नहीं आ सके हैं बहुत से विषयों को तो संत्ेप में ही लिखना पड़ा है। इस पुस्तक में उक्त लेखमाला की आधारभूत सामग्री में संशोधन परिवद्धन करने के साथ साथ बहुत सी सामत्री का समावेश नयी साज सज्जा के साथ किया गया है । इसके अतिरिक्त म८ म० श्री गिरधर शर्मा चतुर्वेदी जी की प्रवचन माला क्यों सना तन- घर्मातोक तथा धर्म विज्ञान झादि पुस्तकों से भी सहायता ली गई है। एतदर्थ में इन पुस्तकों के लेखकों का तथा और भी जिन जिन से सहायता मिली है उन सबका बहुत ही आभारी तथा कतज्ञ हूँ। जगदगुरु शंकराचाय श्री गोवद्धन पीठाधीश्वर जगदाचाय श्री नेसिष पीठाधीश्वर स्वासी नारदानन्द सरस्वती जी तथा श्रीरामालुजाचाय पीठाधीश्वर स्वामी राघवाचाये जी मद्दाराज के उपदेशों से भी प्रेरणा सिली है। इसके अतिरिक्ति श्री पं० दीनानाथ जी शास्त्री सारस्वत एवं श्री श्रीराम शर्मा आचाये जी से भी पुस्तक के प्रति शुभाकांक्षा तथा प्रेरणा प्राप्त हुई है। इस पुस्तक में अपना कुछ नहीं है जो कुछ है वह सनातन ऋषियों मुनियों तथा सन्त महात्माझों और विद्वानों का ही प्रसाद है जो मेरे द्वारा परोस दिया गया है। हों जो कुछ चुटियां हैं वे मेरी हैं आशा है बिद्वज्जन उन्हें चमा करेंगे तथा सुकाव देंगे । यह काय जो कुछ हो पाया है वह सब श्री शुरुदेव को कूपा से ही हुआ है । झत इन सब पूज्य झाचार्यो तथा विद्वानों का मैं ञाभारी हूँ तथा उनके चरणों में श्रद्धा सहित प्रणाम करता हूं । -घावूलाल गुप्त श्याम




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