आकाश - तत्त्व - बोध | Aakaash Tattv Bodh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ ७. | 6: 00ा16ए08) द्वारा मालूम किया है कि प्रकाश (1.81) पक सेकन्ड में १८६३३० मील को गति से चलता हे। श्रोर ज्योतिष शास्त्र के जानने वालों ने मालूम किया कि हमारे पास तक आने में सूय के प्रकाश को ४६१६ सेकरड लगते हैं । इस प्रकार विदित हुआ कि सूय का औसत झन्तर (016७0-वीं>- (81102) पृथ्वी से लगभग ६ करोड़ ३५ लाख मील हे ।ओऔसत अन्तर कहने का झअथ यह दे कि प्रथ्वीसदा सूय से पक ही फासले पर नहीं रहती, उसका मागं-चक्र अण्डाकार होने से सूर्य का अन्तर घटता बढ़ता रहता है। एक समय ६ दरोड्‌ ६० लाख ( ६६००००००) मील हो ज़ाता है श्र पक समय केवल £ करोड ( £००००००० ) मील रह जाता है। श्न्तर मालूम होने से सूय की परिधि (10187006067) मालूम करली जो ८ लाख ६६ हज़ार पानसो मीद़ (८६६५००) अथवा पृथ्वी की परिधि से ११० गुनी पाई गई आर सय्य पृथ्वी से १३ लाख (६९३०००००) गुना बडा पाया गया । अब तुम सरलता से ज्ञात कर सकते हो कि कौन किस के चारों तरफ घूम सकता हे । पृथ्वी सूय॑ के चहँ श्रोर अथवा सूर्य पृथ्वी के चारों श्रोर । शास्त्र के जानने वालों शोर मानने वालो ने प्रथ्वी को ही घुमाया हे और शास्त्र के जानने वाले गिने चुने होते ही हैं । प्रश्न -नोड (९०००) का स्थान नियत हे वा बदलता रहता हे उत्तर - नोड (९०१८) का स्थान नियत नहीं । चन्द्रमा के नोड (र०ते९) की बक् गति हे (1१60'0छ1'80 6 प्ा0ि07) अथवा प्रतिदिन ३ मिनट १० ३ सेकण्ड पीछे को हट जाता: है . शोर सूय की कल्पित गति ५६ सिनट <८उ छत सेकंण्ड, हैं । इस प्रकार नोड (१०००) के सम्बन्ध में सूय की गति ६२ मिनट




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