राष्ट्र - भाषा - हिन्दी | Rashtra Bhasha Hindi
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
113.15 MB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about क्षेमचंद्र 'सुमन'- Kshemchandra 'Suman'
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कोने-कोने में आसानी से आपके विचारों का प्रचार हो सके । गान्धो
जी मै जवाब में कहा--यदि मेरी बात में सचाई है तो बिना रिंकाड'
के हो लोग उसे सुन लेंगे । उसी तरह, जिस साहित्य में सचाईं दे वह
चाहे जिस भाषा में हो, अवश्य जीवित रहेगा । अतएव में अपने को
इस फगड़े से अलग रखना चाहता हूँ। ........ .... कम
में साहित्यिक नहीं और न होने का दावा रखता हूँ । राष्ट-भाषा-
हूँ। इसके प्रचार के लिए मुकसे जो-कुछ बन पढ़ा है, मेंने किया है ।
हिन्दी-साहित्य-सम्मेलन के कार्य--सम्मेलन के दो काये हैं,
(१) साहित्य-निर्माण और (२) राष्ट्र-भाषा-प्रचार ।.इसी दूसरे काम में.
थोड़ा सदयोग करने के कारण में सम्मेलन के ऊचे-से-ऊँचे पद पर पहुँ
८ठी८
माषा ऐसी होनी चाहिए, जिसे केवल एक जगह के ही लोग न समझें;
बदिक उसे देश के सभी प्रान्तों में सुगमता से पहुँचा सकें । जब यह.
आसानी से समकने के लिए हमारी रा्ट्र-भाषा का रूप केसा हो, तंब
हम लोगों को सोचना पढ़ा कि इन सब भाषाओं में 'संस्कृत का समावेश
चुका हैं । ऐसे सँस्कृत शब्दों
तीय भाषाओं में हो चुका है, हिन्दी से निकालना दम कबल' नहीं कर.
सकते 1: उन्हें निकालकर हम हिन्दी को उन प्रान्तों के लोगों के दिए
कठिन बना देंगे । (२) साथ ही, उत्तरी भारत में बहत-से लोग
धरबी-फारसी मिश्रित माषा का प्रयोग करते हैं । उन लोगों के लिए
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