रामचरितमानस | Ramcharitmanas
श्रेणी : पौराणिक / Mythological, हिंदू - Hinduism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
21.85 MB
कुल पष्ठ :
462
श्रेणी :
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No Information available about पं. महावीर प्रसाद मालवीय - Pt. Mahaveer Prasad Malviya
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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गति कूर कबिता-सरित की ज्याँ सरित-पावन-पाथ की ॥ .
प्रमु सुजस सड़ति भनिति सलि दाइदि खुजन मन-सावनी ॥
भव-झड् भूति मसान को सुमिस्त सुदावनि पावनी॥
बो०--प्रिय लापिदि झति सवबहि मल, मनिति राम-जस-सन् ।
दास बिचार कि कर कोड, वन्दिय मलय प्रसड ॥ ,
स्याम-सुरमि-पय पिसद् अति, शुनद-करदिं सब पान .
शिराध्रस्थ सिय-राम-जस, गावहि सुनदि खुजौन ॥१०॥
समिन्पानिक-सुकता-छुबि जैसी । श्रदि-गिरिनगज-खिर खाद न तेसी ॥
चूप-किसोद तरुनीनतन्न॒॒ पाई । शदहिं सकल साभा अधिकार॥
तैसडि सुकबि कब्रित घुध कहीं । उपलढ़िं अनत घ्नत छुषि लहददीं ॥
मगति-ेतु विधि भवन विद्दाई । छुमिरत सारद श्रावति ;घाई #
रामचरितसर बिन झन्ददाये | से संगम जाइ न काटि उपाये ॥
कि काविद थस इदय विजारी । गावदि' दरिलस कलिमल दास ॥
कौन्दे पारुतनजन युन गाना । सिर घुनि गिए॑ लगति पछ़िताना ॥
_ हृदय सिन्घु मि-सीपि समाना ! रवाती-सारद कददिं छुजाना ॥
सी बरबह घर-घारि विचारुू। दोहि फवित-सुकतामनि चाईँ॥
दो०-जुगुति बेधि पुनि. पोडियहि, राप्चंरित बर ' ताग।
पदिरदिं सज्जन विमल उर, सासा झति अनुराग ॥११॥
जे जनमें कलिकाल कराता | करतब पायल वेप मणाला।
'चंलत कुपन्ध बेद-मग ढाँड़े। कपट-कलेचर कलिमल माँड़े ॥
बक भगत कहो राम के | किक्र फश्न कोइ-काम के ॥
हिन्द महू प्रथम रेस जग मोरी । घिंग धरमध्वज्ञ घन्घक घोरी ॥
'को अपने अवगुन सब फइऊँ । बाद कथा पार नहि' साहऊं ॥
ताते' मैं 'झति अलप चंजाने | थोरे मद जानिहदि खयाने ॥
सपुक्ति विविध विधि विनती मारी । फाड न कथा छुनि देशदि जोरी ॥' .
'पतेह पर ' करिंददि' जे सट्टा । मादि ते अधिक ते जड़ मति-रहा
कि न दाउ नदि' चतुर कदावड' । मति अनुरूप राम-छुन गावउ ॥
कहें रघुपति के चरित झपारा । कई मति मेपरि निरत संलारा ॥
जेदिनमादत गिरि मेद उड़ादी । कद. दूल केदि लेखे मादीं ॥
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