वाल्मीकि रामायण | Balmiki Ramayan

Balmiki Ramayan by पं राजाराम प्रोफ़ेसर - Pt. Rajaram Profesar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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है संग चिचघथ श्छे शुप श्द २७ ओर कुद्दालव की उत्पासि हम दायन्न का लवण को जीतना मोर मघुरा की रोनक दाचुन्न का राम को मिलना सन भक रामयन्द्ज़ा का अदइवमेघ यश करना ... न बाद्मीकि का जइवमेथ में आगमन ओर कदालब षो . रामायण गायन की आज्ञा न डुद श्र २० श्र श्र है दे ब््६ ७ ब्द्ट ९ _कुद्दालव का राम के खन्सुख रामायण गाना ओर राम से दिये पारितोधिक का परित्थाग करना सीता को साथ लेकर वाइमीकि का राम के पास भाना मोर सीता के घम भाव का घिचवास दिलाना सीता का पृथिवी में प्रचेदा इक राम का राज्य दासन और माताओं की सूत्यु राजा युघाजित का राम को संदधा हम मरत की गम्घघ देवा पर चढ़ाइ ओर तथ्सथिला. भोर बुष्कलावत की बुनियाद दे कश्मण के पुत्र अगद ओर चम्द्केतु को राजतिलक ओर अंगदीयपुर आर चन्द्र कान्तप्ुर की बुनियाद राम के पास आकर एक तपस्वी का युप्त संदेश देना बुवासा का प्रवेदा और लक्ष्मण क त्याग. राम का शोक कुद्दा और लव को राजतिठक भोर कुशावती भोर श्राचस्ती की बुनियाद ० ० दत्रघ्न कां राम के पास आना शक ध दुरवास्दियों सच्दित राम का मद्दाप्राइ्थान मोर परमगाति चीगी बी थश्थ्‌ थ्थ््य ९््द ९्‌रेद रश्ऐ थ्द्कः २८ ८ रह. ९२५ थे१६ ९२६ ७ कक 2. २ कै शक थक




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