पाण्डुलिपि विज्ञान | Pandhulipi Vigyan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Pandhulipi Vigyan by डॉ. सत्येन्द्र - Dr. Satyendra

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ. सत्येन्द्र - Dr. Satyendra

Add Infomation About. Dr. Satyendra

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
काल निर्धारण 246-309 भूमिका-246, काल-संकेत से समस्या-246, काल-संकेत के प्रकार- 246, इनसे समस्याएं-248, काल-निर्धारण की दो पद्धतियाँ-249, काल-संकेत न रहने पर-250, पाणिनी की श्रष्ठाध्यायी का उदाहरण- 250, भ्रतरंग साक्ष्य का श्राघार-251, काल-संकेतो के रूप-2572, सामान्य पद्धति-255, कठिनाइयाँ -255, ध्रधान्तर की कठिनाई श्रौर पठान्तर का भमेला-257, विविध सनु-संबत्‌-259, नियमित संबत्‌- 259, शक संवतु-259, णाके शालिवाहने -260, पूर्वकालीन शक- संवत्‌-260, कुपाण सवत्‌-260, कृत, मसालव तथा विक्रम सबतु-260 गुप्त संबत्‌ तथा बलभी संबत्‌ -261, हषे संवतु-26 1, सप्तर्पि संवद्‌- 262, कलियुग संवत्‌-262, बुद्ध निर्वाण सवत्‌- 262 बाइेस्पत्य सबत्‌- 262, ग्रह परिवृत्ति संवंत्सर-2064, हिजरी सनु-264, शाहूर सन्‌ या सूर सन्‌ या श्ररबी सनु-264, फसली सदू-265, सबतों का सम्बन्ध : तालिकाबद्ध-266, निरपेक्ष काल-क्रम-269, संवतु-काल जानना-270, सौर वष॑ सक्रान्ति-270, चान्द्रवर्ष-271 योग-271, भारतीय काल- गणना की जटिलता-272 शब्दों में काल सख्या-273, राज्यारोहण सबत्‌ से काल-निर्धारण श्री डी सी. सरकार के भ्राघार पर, विवेचना सहित-275, साक्ष्य : बाह्य श्रतरग-279, वाह साक्ष्प-279 प्रंतरग साधष्य-279, बज्ञानिक-280, बाह्य साइय * विवेचन-280 तुलसी के उदाहरण से-280, बहि साक्ष्य की प्रामाणिकता-284 अनुश्रुति या जनश्वुति-284, इतिहास एवं ऐतिहासिक घटनाएँ 285 इतिहास की सहायता मे सावधानी-286, काल-निर्णय में भमेले के कुछ कारण ( पदुमावत का उदाहरण )-288, सामाजिक परिस्थितियाँ एव सास्कृतिक उल्लेख-289, श्रतरंग साक्ष्य-291, कागज लिप्यासन-- 292, स्याही -293 लिपि 293, लेखन-पद्धति, श्रलकरण श्रादि- 296, सकेताक्षरों की कालावधघि-296, श्रतरंग पक्ष सुक्ष्म साक्ष्य- 298, भाषा-298, वस्तु-विषयक साक्ष्प-299, बैज्ञानिक प्रविधि- 300, कवि-निर्घारण समस्या - 300 । शब्द और अर्थ की समस्या 310-333 अर्थ की हृष्टि से शब्द-भेद-310, शास्त्र एव चिषय के श्राधार पर शब्द-भेद तालिता-311, मिलित शब्द-31 2 विकृत णब्द-3172, पाठ-विकतियों के मूल कारण 313. विकृत शब्दों के झेदे 316, सामा- विक्रार-316, ध्रक्षर-विकृत शब्द-316 विभक्त प्रक्षर- 319, युक्ताक्षर- विकृति-320, घसीटाक्षर विक्ति-321 + प्रलकरण निर्भर विकृति- 321, नवरूपाक्षर युक्त शब्द-322, लुप्ताक्षरी शब्द-323, ब्रागमाक्षरी 323, विपयंस्ताक्षरी-323, संकेताक्षरी शब्द-324, विशिष्टार्थी




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now