भारत का भाषा - सर्वेक्षण भाग - 9 | Bharat Ka Bhasha Sarvekshan Bhag - 9

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Bharat Ka Bhasha Sarvekshan Bhag - 9 by हरदेव बाहरी - Hardev Bahari

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पंजाबी - भूमिका भाषा का नाम ओरं प्रदे पजावी' नाम का अथं स्वत स्पष्ट है, अर्थात्‌ पजाव की भाषा जंसाकि अगे जान पडेगा, यह्‌ नाम सच्छा नही है, क्योकि पजावी कदापि उम प्रान्त मे वोखी जाने वाली एक मात्र भापा नही है। पजावी लगभग एक करोड सत्ताईस लाख पचास हजार लोगो की भाषा है, ओर यह्‌ पजाव प्रान्त के पूर्वावं के अधिकतर भाग मे, राजपूताना मे वीकानेर राज्य के उत्तरी कोने मे, ओर जम्मू राज्य के दक्षिणावं मे वो) जाती है । प्रान्त के अत्यन्त उत्तरपूर्वं मे, अर्यात्‌ निमला पहाड के अधिकतम राज्यो ओर कुल्लू की भापा पहाडी है) दूर दक्षिण की ओर, यमुना नदी के दक्षिणी तट पर के अथवा निकट के जिलो की, - अर्थात्‌ अम्वाला के पूर्वांघ॑ं, रोहतक, दिल्‍ली और गुडगाँव की भाषा पजावी नही हैः अपितु परिचिमी हिन्दी का कोई रूप है! इन अपवादौ के साथ, हम कह सक्ते हँ कि पूरे पूर्वी पजावकी वोली पजावी है! इस क्षेत्र के उत्तर मे हिमालय, दक्षिण मे वीकानेर के अनुवर मंदान और पश्चिम मे रचना दौञआव की कूर वाड स्थित है। हर भाषागत सीमाएँ ४ उत्तर गौर उत्तर-मूवं मे पजावी हिमालय की निम्नतरं श्रेणियो की, पहाडी भाषा से धिरी हई दै । पवंतीय प्रदेश के मीतर इसका विस्तार नही है ! इसके पूवं मे परिचिमी हिन्दी कै नाना भेट है-पूर्वी यम्बाला मे हिन्दुस्तानी वोली सौर यमुना के सन्निकट _परिचमी क्षेत्र मे वोली जानेवाली वाँगरू। इसके दक्षिण मे पब्चिमी 'हिसार और चीकानेर में वोली जानेवारी राजस्थानी की वागड़ी यौर वीकानैरी विभापाएं है। पजावी भौर इन सव भाषामो की सीमारेखा वहूत कु स्पष्ट है (यद्यपि वास्तव मे ५




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