श्रीमद्भगवद्गीता | Shrimad Bhagavad Gita
श्रेणी : धार्मिक / Religious, हिंदू - Hinduism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10.22 MB
कुल पष्ठ :
648
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about हरिकृष्णदास गोयन्दका - Harikrishnadas Goyndka
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दान ताप
(| डे श्रीपरसात्मने नमः | _
श्रीमद्वगवद्रामानुजाचार्यकृत भाष्य
और
उसका दविन्दी-मापानुवाद
प्रथम पदक
पहला अध्याय
कस्तुतामपवातो5एं बासनेयं नमामि तम् ॥
जिनके चरण-कमठोंका चिन्तन करनेसे समस्त पार्पोका नाश हो जानेंके
यारण मैं वासविक तत्वकों प्राप्त इुआ हूँ, उन श्रीयामुनाचार्को प्रणाम करता हूँ ।
हरि ऊँ श्रिय। पति। निखिठ- |. हरि: 5* जो पति
हेयप्रत्यनीककस्यागिकतानः, स्वेतर- | सम्पूर्ण हेप गुणगणसि रहित, एकतान
समसवस्तविरुपणानन्तज्ञाना- | ल्पाणमय एवं अपनेसे अतिरिक्त समर
[ओऑसे . चिंठक्षण एकमात्र
स्वामाविकानव- | कद
ज्ञाननिन्द-खरूप हैं, जो खामाविक
घिकातिशयश्ञानवदैशरयवीयंशक्ति- तक)
असीम अतिंदाय ज्ञान, व, ऐश्वय, वीर्प,
| रात और तेज प्रशति असंख्य कल्पाणमय
| महान् समुदद हैं; जिनका
दिव्य श्रीकिमरद रवेच्ानुरूप सदा एकरस
खिन्त्य दिव्य अद्भुत नित्य सिर्मछ
स्यसौगन्ध्यसौन्दर्यसी- ] कप यान
तर
सौडुमार्य, ढावण्य और यौवन आदि
स्वोचितविविधविचि- अनन्त गुर्थोदा मण्दार है; जो अपने
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