क्रांत दर्शन | Krant Darshan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
210
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about आचार्य विनोबा भावे - Acharya Vinoba Bhave
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चं प्रपु-तम माड ११
१--बगर सममाद कौ दृष्टि पै कोई प्रंथ-छेपक पुस्तक तैयार करे
मौर वांप्री-सेबा-छंव उचित समझे तो ऐसौ पुस्तक का प्रकाशित करता ठीक
होगा । पर प्रदकापन-बिभाय छोखता मुझे पसद नहीं है । पत्र बात तो यह
है कि संसार में धर्मों के बीच जो विपम-माय है, बहू उठता बरा गहीं है।
मारतषर्प में भौ भमे-यर्म के बीच काफी दिरोप बताया थाता है छेक्नि
बहू तो झलखदारी है | बाए्तव में विर!ंब है ही सही । इमारी कईं हजार बपोँ
की संस्तृदि ते हम छोगों में समभाव पैदा कर दिया है । देहात में अब भी
बहू भजर आता है । आजकूस की मई प्रगृत्ति ने दिरोध जरूए पैदा कर
हिया है पर गह बामिक शहीं है | रसका स्वक्य भाजि है । धर्म का तो
शड्डाता से किया जाता है लौर बछवाएँ मे प्रप्त द्वारा एर महत मिल
चाता है ।हपर बही प्रकासत का काय हम अपने ह्वाजो में फ्े के तो उम्हीके
स्तर का उपयोग करेंगे । यह अच्छी नीति तहीं है। जिस शस्व में प्रति-पक्षी
मिपुण है. ठसौका उपयांग करने से काम तहीं असेगा। क्ेद्ित इससे भी
সমালক্ एक चीज और है । অহ है सर्वबर्म-सम-जभाव | अमाज बढ रहा
है हास्तिकता बढ रही है | तास्तिकता से सेरा संझेस तात्यिक गास्ठिकता
जोर तही है । तात्षिक शास्तिकता से में डरता गही 1 पर 8
डिखते से झास पार खड्टी पडेगा । हम छिदें सी हो किशने छोय पहुंणे ?
यंबा साहित्प पड़तेबासे तो हजारों & । अपने जौबर में हम जिन चीजों
को रतार सकेगे रउल्हीं का प्रचार होपा । 0283 हुआ करता बा ।
छापेदाने को बआगेहुए तो सौ बर्ष हुए । इस किसी मये छेखक कौ
छिखी कोई ऐसी पुस्तक लिकलौ है जिसमे तुलसौदत रामायय मौर तुझाराम
कै अमंगों की ठरह बनता में प्रगेध विया हो? সঙ্গা্রল प्रचार का एक
सपनो खी पर धामिक प्रचार मे रङ्कौ कीमत कपम-पे-कम 8.६५
जिस चौब को हम अपने इ আঁক मृष से सुगते है. उसका
असर हाठा है । प्रकाशन से জাম की संघावता गहीं जात पहली ।
২- আগা লাল ই वहाँ छब धर्मों दे प्रधर्तेकों के विपय में मी शअबसर
पर अर्चा कर सकते है | पर मेरी बृत्ति तो निर्न ई ) रामनवमी
या इृप्माप्टमौ पर मैने प्रसंगबद्ठाद् मापन लेढि पम
হরর ऐसे उत्छन हो। झकते हैं. बहा ऐंपे मापण हाते
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