राजकमल वर्ष-बोध | Rajkamal Vars- Bodh
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12.05 MB
कुल पष्ठ :
470
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)न.
क थम
देश भ्रोर*जनता ््
१८१ १ द् १४३१ द
१३०१ द्द १४४१ दर्द
१४२१ ७२
१९३१ में संख्या के १ प्रतिशत कम दो जाने को सेन्सस कमिश्नर
दहन ने झममूलक बताया क्योंकि उन स्त्रियों ने, जिनका सिर्वाद खेती
पर दी था, अपनी गणना घरों की नोकर-चाकरों में करवाई |
१९४१ की जन-गणुना के अनुसार केवल 3३,६ प्रतिशत
शिक्षा जनता पढ़-लिख सकती थी । इस पदने-लिखने से सतलब
गाँव से बादर खत छ्वारा अपना समाचार सेल सकना
आर उत्तर पढ सकना दी है । १३३५ भर १४२१ में इस तरद के पढे-
लिखों का अनुपात ८ ० प्रतिशत और ७.१ प्रतिशत था!
विदेशों से तुलना करने से मालूम पढ़ता है कि इम इस दिशा में
कितना पीछे हैं :
असरोका ६३.३७ प्रतिशत ( १३३० ) रूस ३० प्रतिशत ( १९३३ )
तुर्की... ४४,३ प्रतिशत (१९३४ ) इटली ७१.२ प्रतिशत(१३२१)
जो देश जितना गरीब होता है, उसमें जन्म वा मरण
जन्म सरण का झनुपात उतना ही अधिक होता है । जन्म और
सरण के दिसाब में शायद इसारा देश ही से प्रथम
ठहरेगा । १६४१ की जनगणना के समय दिन्दुस्ताल में जन्म और सरण
को अनुपात १००० लोगों के पीछे क्रमशः ३३ श्र २९ था ।
इस अनुपात से पिछुले पचास वर्षो में कोई बढ़ा सेद पढ़ा दो, ऐसा
नहीं कहा जा सकता ! इन दोनों के भ्रजुपपत में सभ्यता श्र स्वास्थ्य
सम्बन्धी सुविधाओं के भलार के साथ दी फर्क पढ़ सकता है । ५ दया
से इस सम्बन्ध का ब्योरा देखिए ;
व्षं जन्म संख्या सृत्यु संख्या
१८८९-६५ ६ २६
१८४७-५१ ३४ नह
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