धरती और आसमान | Dharti Aur Aasman
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.55 MB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पानवासी 1
कसकत्ते के एक उजाड-से भाग में एक बहुत विास मकान में.
अली घाइ नडरवन्द थे । ठाऊ लगभग वही था. सकडों दासियां बादिया भी
वेद्याएं भरी हुई थी पर वह लखनऊ का 'रग कहां !
साना खाने का वक्त हुभा भोर जब दस्तरखान पर साना चुना गया ते
बादगाह ने घख-चस्कर फेक दिया । भगरज़ अफसर ने धवराकर पछा--सा
में बया नुस््स है ?
जवाब दिया गया--नमक खराब है ।
नवाब कसा नमक खाते हैं *
“एक मन का इसा रखबर उसपर पानी की घार छोडी जाती है। ज
'ुलते प्रुलते छोटा-सा टुकड़ा रह जाता है तब बादशाह के खाने में वहू नम
इस्तमा्त होता है ।
अगरण़ भ्षिकारी मुस्कराता हुभा चला गया । कयो * भोह सब सोग
के समझने के योग्य यह मद नही ।
ससी रस रग की दीवारों क भीतर भव सरकारी दफ्ठर खुल गए हैं, भी
बह भमर कसरबाग मानों रडुए थी ठरह खा उस रसोलो रात की यात
सिर धुन रहा है ।
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