राधास्वामी मत संदेश | Radhaswami Mat Sandesh
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.23 MB
कुल पष्ठ :
80
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)राधघास्वामी मत संदेस १
असर रखता है यानी जेसे ऊादंसी की सेाहबत हेगी
और जेसे कुछ कि वह अपनी उाँख से देखेगा और
जा कुछ कि हालत उस पर बीतेगी, उसी मुवाफ़िक
उस की रहनी और व्यौहार और चाह हावेगी और
जा चाह कि उसके मन में ज़बर होगी; उसी के पूरा
करने के वास्ते यह मिहनत आर तवज्जह के साथ
जतन करेगा ॥
. समर दौर परम सुख की प्राप्ती के
लिये जतन करना ज़रूर है और उसी का
नाम सच्चा परसाथ है ॥
-श०७--सब जीव दुनिया के सुखों के वास्ते मिहनत
कर रहे हैं और दुखों के टूर करने के लिये तद्बीर
करते हैं पर इस दुनिया के जितने सुख हैं वे सब
मन, और इन्द्रियों के भाग हैं और नाशमान जौर तुच्छ
और जड़ हैं और जिस किसी के यह [सब सुख समिट.
भी गये ते एक दिन उनके जरूर मरने के वच्छ
छेाड़ना पड़ेगा और जा उन्हीं को चाह मन में ज़बर
रही और उमर भर यही काम करता रहा, ता उसी
चाह आर स्वभाव आौर आदत के सुवाफिक़ फिर
जनम घरना पड़ेगा और इसी तरह हमेशा जनम.
मरन का चक्कर जारी रहेगा और दुख सुख भागता
रहेगा और चाहे जैसा जतन करे देही. के दुख सुख से
कभी निवृत्ती नहीं होवेगी ॥ तय
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