आत्म - रचना पार्ट - २ | Atma Rachna Part-2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
164
श्रेणी :
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जुगतराम दवे - Jugatram Dave
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रामनारायण चौधरी - Ramanarayan Chaudhari
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अवचनं ३०
बीसारी कैसे भोगी जए्य ?
कोओ सेवक अथवा आश्रभवासी जीवन कंसे बिताये, भिसका अब तक তপন
बहुत विचार किया)! मान हम जिसका भी विचार कर लें कि भुसे बीमारी
किस तरह भोगनी चाहिये और किस वर्ह मरना चाहिये।
मेरी भाषा सुनकर आपको हसी आती है ! आप मतमें कहते होगे : “क्या बीमारी
और मौत पूछकर आती है? क्या थे हमेशा अनसोचे मेहपानोकी तरह अकल्पित
दिशाओसे नहीं आती? बुस समय हमें विचार करनेका अवसर ही कहां रहता है?
थीमारी आती है तब वहे हमें मुठाकर खटिया पर पटक देती है1 युस समय हम
दु.खसे तड़पें और भूहूँ भूह कर अथवा यह विचार करे किं बीमारी कंसे मोगी जाय
भौर मौत आयेगी तब दो मरनेंके ढगका विचार करनेका होश ही कहां रहेगा?”
अया बीमारी सचमुच आपके क््यतानूसार अनसोचे मेहमानकी तरह आती
है? आप स्वीकार करेंगे कि जीवन-पद्धतिके जिन अनेक मिद्धान्तोगा हम विचार
कर रहे है, भुनके अनुसार यदि जीवन बितायें तो बीमारी हमारे पास आ ही
नहीं सकती। अगर हम अपने विचारोके अनुसार खात-पान करें, अुतके अनुसार
अपड़े पहनें, अुनके अनुसार शरीर-श्रमके आुद्योग करें, अुनके अनुसार स्वच्छता रखें,
अुनके अनुसार आकाशकी गोदमें सोयें और ब्राह्म-मुहरतमें जागें तथा अुतकै अनुसार सयम
और सेद्ावा जीवन धिते, तो हमारे जीवनस दिमारौका नाम-निान ह मिट जाता
शवाहिये। विचार फरेंगे तो आप यह भी देव सकंगे कि बीमारी आने कारण यही
होता है कि कही न कही हमसे जिन सिंडानोका भग हुआ है।
हम भोजन-सबंधी कोओ छिद्धास्त न पाछें, तरह-तरहके मिचं-मसालों तथा मीठी
'लीजोंकी मददसे जरूरतसे ज्यादा खायें, चवाय्रे बिना खायें, अनाजोकों कूटनें, दलते,
परीसने ओर पकानेमे अधिकांश पाचक तत्वौको नष्ट कर शाक्ते मौर फिर परिणाम-स्वरूप
हमारा पेट खराब हो, आंतें कमजोर हो जाय, हमेशा शौच-सवधी शिकायतें रहा करें,
आँखें आयें, मुंह आये, तो जिसमें दोप क्सिका है? बीमारी अचानक अभी या हमने
भूमे न्थौता?
हम स्वच्छता-संबंधी किसी सिद्धान्तवा पालन ने करें, नहाते-घोनेका आलस्य करें
অথবা नाम करनेको ही नहायें-पोयें; हवा और भ्रकाश-रहित भवानमें दरवाजे और
लिड्कियां ফলত करके घुसे रहें; कहा शौच जाय, वहां युर, श्ट पानी गिरये, वतं
जूठन और कचरा फेंके, जिसका कोओ विचार न करें और अपनी ही गंदगीसे अपने
घर, पड़ोस और गांवके आसपासको जयदको दुर्घधमय छोर रोदबा धर বলা डालें;
भकवो-मच्छर जेंसे रोग-प्रचारकोंको पैंदा करें और आुसके परिणाम-स्वह्प चमड्रीकी
डीमारियोंसे पीड़ित हो तथा मलेरिया, निमोनिया, द्ाजिफा्िड जेसे बुघारों और अनेक
হই
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