हिंदी पर फ़ारसी का प्रभाव | Hindi Par Pharasi Ka Prabhav
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.07 MB
कुल पष्ठ :
160
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पं. अम्बिकाप्रसाद वाजपेयी - Pt. Ambikaprasad Vajpayee
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हिन्दीपर फ़ारसीका प्रभाव संस्कृत ध्पौर फारसो इस देशकी प्राचीन भापा साधारण लोगोमे संस्कत नामसे प्रसिद्ध है। यद्यपि आधुनिक भाषाओोकी तुलनासे वह प्राचीन अवश्य है तथापि उससे प्राचीनतर एक भाषा थी जो वैदिक भाषा या वेद-भापा कहाती है । इसी प्रकार वत्तेमान फारसीसे भी प्राचीनतर भापा पहुलवी नामसे प्रख्यात थी । पर इससे भी प्राचीनतर भाषाकों विद्वानोने जेन्द + नाम दिया है जो पार- न + किसी किसीका मत है कि जेन्द छुन्द शब्दका झपध्रष्ट रूप है और चूँकि पुरुषसश्तादिमें अथव वेदको छन्दाथसि कहा है इसलिये ज़ेन्द वैदिक भावाका दी नामान्तर है । परन्वु प्राचीन कालमें वैदिकभाषा को छत और लोक भाषाको संस्कृत भाषा कहते थे । तस्मादू यज्ञाद सबहुत ऋषचः सामानि जज्िरे । छुरदाथुसि जज़िरे तस्मादयजुस्तरमाद जायत ॥ -- पुरुषसक्त ्चः सासानि छन्दासि पुराण यजुबासदद । --शधवे० ११। ७ २४
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