संसार और धर्म | Sansar Or Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
115
श्रेणी :
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किशोरीलाल मशरूवाला - Kishorilal Mashroowala
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महेंद्र कुमार जैन - Mahendra kumar Jain
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अनुक्रमणिका
पुर्व
अनुवादरे दो হাল ३
अपोदघात ७
- ्यानिगत भानवौ षं
१ विचार, २ विनय, हे अुधमशीछता, ४ बीरा, ५ दूरद्भिता,
६. पैये, ७ मतोप, ८ मयम
२. भनोधं है १२-१८
१. आधा और भय, २ हपँ और विपाद, ३ रोध, ४ दया,
५ बासना और प्रेम
~>
২
३. भणमी १८-२०
$. कौटुम्णिए' सम्य्प २०-२३
१ पति, २ पिता, ३ पुत्र, ४॑ यन्पु-दान्यव
५. सीषपरीय तंत्र या भनुष्पोंगा वापस्सिर क्षर््र २४-२९
१ गमसदार ओर नादान, २ धनी और निर्धन, ३ स्वामी
ओर सेयर, ४ राजा और प्रजा
ছি, কাযা ঘন ३०-३४
है जुपवारशोलता, ३२ स्पाय, ह दयाददाशिष्य, ४ कृतशता,
५ निष्बयटता
७. ध ३८-३७
भुत्तरा्प
१. मलुप्पन्धायों
१ गदुप्प-शरोर और अुझगो रचना, २ जि
दै. मानय अमा, अत्य জুল্মলি र धमे, < मन्व
জীবনী জহঘি ভীত জলা ভন
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