मुख्य तत्त्व चिन्तामणि | Mukhya tatva chintamani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
166
श्रेणी :
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No Information available about श्री शुक्लचन्द्र जी महाराज - Shree Shuklchandra Ji Maharaj
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ঘন্ষঘাঘ লীল ক্ষ্য ঘাধ়া ९
१४-१९ हीनों विकलेग्द्रियों के ३ वष्डकू ९ নতস্থন্জিন
विरलो का एक् दण्डक २१ मनुष्य का एक दष्डफ २९
म्पम्तर देवों का एक वष्डक २३ श्योतिपी देशों वा एक दण्डक
२४ वैमानिक देवों का एक दब्डक ।
१७ लेश्याए -पर
१ कृष्ण लेशया २ नीझ लेक्या ३ कापोत सेइ्या ४
वेजो सेष्या १ पश्र सेष्या ६ शुभम सेवया 1
४८ शणि-तीन
१ सम्यग् ष्टि २ मिष्याष्ष्टि १ मिष्र हृष्टि।
१६ भ्यान-षार
कं १ प्रात्तंष्यान २ रौद्र भ्याम १ धम प्यान ४ प्रुषस
न ।
২০ জুত্য- द्य
१ बर्मास्तिकाय २ प्रघर्मास्तिकाय ३ াক্কাহাভিতরকান
४ पृषद्गसाप्तिकाय ५ भीबार्दिकाय ६ काल द्रस्य।
प् द्रस््पों के ठोस मंद
(बर्मास्तिकाय के पाँच मद) १ परम्प सेएक २ कोश
से सोक प्रमाण ३ काल से स्झनादि पनन्त ४ भाब से प्रस्पी
१ गुण से गति सक्षण खलग गुथ सहाय । उदाहरण जैसे पाती
भे मत्स्य (मलो)
(प्रभर्मास्तकाय के ५ भेद) १ उम्यघेएक् र क्षे
है सोक प्रमाण ३ कास से प्रनादि प्रतन््त ४ मार्व से प्रसूपी
१ पुण से स्पिर गुण सहाय (स्पिति सक्षण)। उदाहरण जैसे-
मु्ताफिर क्रो छाया का ह्राघार ।
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