विवेकानन्द ग्रन्थावली ज्ञान - योग खंड १ | Vivekanand-granthawali Gyan Yog Part. 1
श्रेणी : योग / Yoga
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
23.05 MB
कुल पष्ठ :
390
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विवेकानंद अंथावली ।
ज्ञान-याग ।
पहला खंड ।
(9) धर्म की आवश्यकता ।
उन सारी शक्तियों में जो सनुष्य-जाति के भाग्य के विधान
के लिये काम कर चुकी हैं घर श्रब तक काम कर रही हैं, कोई
ऐसी प्रबल नददीं हैं जैसी वह है जिसझी अभिव्यक्ति का नाम
घर्म है । सारे सामाजिक संविधानों में पश्चाद्भूमि के रूप में,
कहीं न कहीं, उसी श्रद्धत शक्ति का ही काम है झ्रौर सबसे
बढ़ी ओर दृढ़ उत्तेजन्म जो कभी मनुष्य-जाति में उत्पन्न हुई है
इसी शक्ति के प्रभाव से मिली है । यह दम सब लोगों पर प्रगट हैं
कि बहुतेरी अवस्थाश्मों में धार्मिक बंधन, जाति के बंधन, देश के
दंघन छोर कुल के बंधन तक से दृदतर प्रमाणित हुए हैं ।
यद्द प्रसिद्ध बात दे कि एक इंश्वर के उपासक छोर एक धर्म में
विश्वास रखनेवाले लोग, एक दी कुल के लोगों श्रार यहाँ तक
कि भाई भाई से भी श्रधिक प्रबलता और दृढ़ता से एक दूसरे
की सद्दायता पर खड़े रहे हैं । धर्म के श्रादि का पता लगाने के
लिये अनेक प्रयत्न किए जा चुके हैं । सारे प्राचीन धर्मों में जिनका
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