बुद्ध और बौद्ध - धर्म | Buddh Or Bauddh Dharm

Buddh Or Bauddh Dharm by आचार्य चतुरसेन शास्त्री - Acharya Chatursen Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बुद्ध और बौद्ध घम ० ब्राह्मणों और द्रबारियों को साथ लेकर बुद्ध के पास गया | बह. जब उसने बुद्ध के पास मददान्‌ काश्यप को बेठे हुए देखा तो उसे यह सन्देह हुआ कि गौतम काश्यप का शिष्य है या काश्यप गौतम का | गौतम ने राजा के सन्देह को समका और उसने काश्यप से पूछा-- हि काश्यप तुम कहो कि तुमने कौन-सा ज्ञान प्राप्त किया है जिसके कारण तुमने अपना अग्नि-होत्र करना छोड़ दिया ? काश्यप में उत्तर दिया--हमने शान्ति की अवस्था देखी हे और हम अग्नि-होत्र से प्रसन्न नहीं हैं । राजा यह सुनकर बहुत प्रसन्न हुआ और लाखों सेवकों के साथ गौतम का शिष्य होगया । और दूसरे दिन के लिए अपने यहाँ भोजन करने का निसन्त्रणु दे सया । दूसरे दिन गौतम झपने सब शिष्यों को साथ लेकर राज- भवन में श्लाए । मगध के निवासियों ने जब इस महान उपदेशक को इस अवस्था में देखा तो वे बड़े श्रभावित हुए । राजा ने उसके रददने के लिए बेलीबन में एक कुछ बसवा दिया श्र वहाँ गौतम अपने साथियों के साथ कुछ समय तक रहा । इघर उसने दो प्रसिद्ध पुरुषों को जो कि सारीपुत्र और मोग्गलायन के नाम से विख्यात थे अपना शिष्य बनाया । बुद्ध और उसके शिष्य उपाकाल में उठते और नित्य कर्म से निवृत्त होकर ाध्यात्मिक बार्तालाप में लग जाते । इसके पश्चात्‌ वह अपने शिष्यों के साथ नगर की श्योर जाते ।




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