बुद्ध और बौद्ध - धर्म | Buddh Aur Bauddh Dharm

Buddh Aur Bauddh Dharm by आचार्य चतुरसेन शास्त्री - Acharya Chatursen Shastri

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about आचार्य चतुरसेन शास्त्री - Acharya Chatursen Shastri

Add Infomation AboutAcharya Chatursen Shastri

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
बुद्ध श्र बौंद्ध-घम, >» “सप २ सडिकगप, 40 दफापपलकि तद 20.>नि्िकि पर िडि्लिकपिरविसििनदटी बुद्ध ने कद्दा--झापकी उत्पत्ति अवश्य ही राजवंश में हुइ है, सेकिन मेदी उत्पत्ति प्राचीन दुद्धीं के बंश से है--आऔर य परम्परा है! जब गोतम राजभवन में आए, तो उनके कुटुन्वरी सर पुरुष उनकों देखने वहाँ पहुँचे । बुद्ध न देखा 1क उनकों परिस्यक्ता पत्नी यशोधरा उनको देखने नहीं आई । बुद्ध ने जब पूछा कि यशोधरा क्यों नहीं श्वाइ, ता उसने ख-पण गव से कला भेजा कि यदि उनकी दृष्टि में मैं कुछ हूँ तो उन्हें स्वयं मेरे पास ना चाहिए । गौतम अपने दो प्रधान शिष्यों को साथ लकर उसके महल गये । जब यशोधरा ने अपने उस सुन्दर राजकुमार स्वामी को, सिर संडाये और पीत-बख्र धारण किये हुए संन्यासी क॑ बश में अपने सहल में आते देखा तो बह अपने-ापकों न सम्भाल सकी. और पछाड़ खाकर प्रथ्वी पर गिर पढ़ी । फिर उसने होश में ब्ाकर तरन्त समभक लिया कि वह उसके थे पति छोर राजकुमार नहीं हैं, और अब उन दोनों के घीच मे बड़ा अन्तर हो सया है]... चह पेंयप्रचक उठ खड़ी हुड और उससे बुद्ध के नये सिद्धाम्तों .. को सुना (ए शोधरा ने बुद्ध से अनुरोध किया कि वह भिलुशियों का भी. _ एक सम्प्रदाय क़ायम करें । बुद्ध ही किया श्र छँ सबसे पहिली भिछ्ुणी हुई । इसके बाद गौतम का फ वौद्ध-धर्म का अनुयायी हो गया । इससे गौतम बड़ा भारी दुःख हुआ और उसने गौतम से शि




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now