बुद्ध और बौद्ध - धर्म | Buddh Aur Bauddh Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
119.16 MB
कुल पष्ठ :
304
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about आचार्य चतुरसेन शास्त्री - Acharya Chatursen Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बुद्ध श्र बौंद्ध-घम, >» “सप २
सडिकगप, 40 दफापपलकि तद 20.>नि्िकि पर िडि्लिकपिरविसििनदटी
बुद्ध ने कद्दा--झापकी उत्पत्ति अवश्य ही राजवंश में हुइ है, सेकिन
मेदी उत्पत्ति प्राचीन दुद्धीं के बंश से है--आऔर य
परम्परा है!
जब गोतम राजभवन में आए, तो उनके कुटुन्वरी सर
पुरुष उनकों देखने वहाँ पहुँचे । बुद्ध न देखा 1क उनकों परिस्यक्ता
पत्नी यशोधरा उनको देखने नहीं आई । बुद्ध ने जब पूछा कि
यशोधरा क्यों नहीं श्वाइ, ता उसने ख-पण गव से कला भेजा
कि यदि उनकी दृष्टि में मैं कुछ हूँ तो उन्हें स्वयं मेरे पास ना
चाहिए । गौतम अपने दो प्रधान शिष्यों को साथ लकर उसके महल
गये । जब यशोधरा ने अपने उस सुन्दर राजकुमार स्वामी को,
सिर संडाये और पीत-बख्र धारण किये हुए संन्यासी क॑ बश में
अपने सहल में आते देखा तो बह अपने-ापकों न सम्भाल सकी.
और पछाड़ खाकर प्रथ्वी पर गिर पढ़ी । फिर उसने होश में
ब्ाकर तरन्त समभक लिया कि वह उसके थे पति छोर राजकुमार
नहीं हैं, और अब उन दोनों के घीच मे बड़ा अन्तर हो सया है]...
चह पेंयप्रचक उठ खड़ी हुड और उससे बुद्ध के नये सिद्धाम्तों ..
को सुना (ए
शोधरा ने बुद्ध से अनुरोध किया कि वह भिलुशियों का भी.
_ एक सम्प्रदाय क़ायम करें । बुद्ध ही किया श्र छँ
सबसे पहिली भिछ्ुणी हुई । इसके बाद गौतम का फ
वौद्ध-धर्म का अनुयायी हो गया । इससे गौतम
बड़ा भारी दुःख हुआ और उसने गौतम से शि
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