किसान - सुख - साधन | Kisaan Sukh - Sadhan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
182
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)5| किसान-सुख-साधन
१
এপি পি
पूवौभास
৮৪৪৭
हय देश भारतवषं है । समूचा देश्ञ १४ प्रान्तों विभक्त
है । हर प्रान्तमे एक गवनेर र्ता है, जो राज्यकायं
करता है । देशभरमे कुल सातलाखके करीव गांव है । सन् १९३१
की मनुष्यगणनाके अनुसार समूचे भारतकी आबादी लगभग
पेंतीस करोड़ है। इनमें अंग्र जी राज्य और देशी रियासतें दोनों
शामिल हैं | कहनेके लिए तो देशी रियासते है, पर वे भी अद्ध
रेजके हाथकी कठपुतली बनकर कठोर और कत्तव्यहीन हो रही
हैं। हमारे देशमें प्रधान व्यापार खेतीका है। खेतीकी ही आम-
द्नीपर बड़े बड़े शहर दिके हुए हैं और उसीसे छोटे-बड़े, अमीर-
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