प्यारा लड्डू | PYARA LADDOO

PYARA LADDOO by पुस्तक समूह - Pustak Samuhविभिन्न लेखक - Various Authors

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बादल आए अंजली टिकलकर ॥। पा दुलटुल विश्वास उमड़-घुमड़कर बादल आए काले-काले प्यारे-प्यारे पानी इतना सारा लाए उम्रड़-घुमड़कर बादल आए देखो मोर पंख फ़ैलाकर ठुमक-दुमककर नाचें गाएँ उमड़-घुमड़कर बादल आए हवा चल रही सर. .सर.. सर पत्ते अपना गान चुनाएँ उम्रड़-घुमड़कर बादल आए अंजली टिंकलकर, पत्ती, छरप्रा, न. डुलटुल विश्वास, दसवीं, भोपाल, म.प्र/ कविता व चित्र चकमक सितम्बर, 85 में प्रकाशित। 10




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