अस्त्र शस्त्र आदिम युग से अणु युग तक | Astra Shastra Adim Yug Se Anu Yug Tak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.65 MB
कुल पष्ठ :
128
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अमरोक्रा, यूरोप, मफ़ीका और एशिया में आज तक प्राप्त
होते हैं ।
अपनी परिस्थितियों को वश में करने के लिए मनुष्य को
भीषण सघंध करना पड़ा है । भौतिक आवश्यकताए पूरी करने
के लिए जिन उपकरणों का प्रयोग उस ने किया, उन में औौ जार
तथा हथियार ही प्रमख थे । फेक कर मारने से पत्थर आदि
अधिक से अधिक दूर जा सकें, इस के लिए उस मे अपनी बुद्धि
से 'गोफनी' युलेल आदि का आविष्कार किया । आगे चले कर
धचुष-बाण का भी आनिष्कार हुआ । आदिम काल के जो भी
दूधियार पाए गए हैं, वे पत्थर के ही है । पत्थर के हथियारों
के कारण ही यह यंग पाषाण-यग कहुलाया
मानव इतिहास के प्रारम्भिक काल में पाषाण-यूग बहुत
महत्वपूर्ण है । इसो युग में मनुष्य की अनुसंधान करने की
प्रवर्ति का आएचमं जनक विकास हुआ । पत्थर, सींग, हुड्डी
आदि के हर्थियार बना कर मनुष्य से हजारों वर्ष के अपने
भावों जीवन और सभ्यता की नींव डाली ।
आज से प्राय: २५००० वर्ष पूर्व भी लोग पत्थर के हो
हथियार प्रयोग करते थे, पर उन के हुधियार भद्दे, खरदरे
तथा अनगढ़ थे । इन में मुख्य थे-परशु, बाण, फलक, भल्ल,
खुदाई के हथियार, फेंकने के बड़े-बड़े गोल पत्थर, काटने वाले
हथियार, छुरिया, छोलने वाले ओजार, कोरेंस, पत्थर के
हथौड़े और चकमक पत्थर । इन की विशेषता यह श्री कि ये
अस्त्र-शस्त्र एक विशेष प्रकार के पत्थर क्वाटजाइट' से बनाए
जाते थे ।
रे
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